A Secret Weapon For Shiv chaisa
A Secret Weapon For Shiv chaisa
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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
O Lord! I beseech Your help and seel your divine blessing at this really instant. Conserve and shield me. Ruin my enemies along with your Trishul. Release me within the torture of evil feelings.
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
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अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
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